Tuesday 6 May, 2008

करोड़ों की ताली.....

क्रिकेट के बीस-बीस मुकाबले में मास्टर ब्लास्टर का इंतजार लंबा होता जा रहा है। सचिन खुद को स्वस्थ महसूस नहीं कर रहे हैं, ऐसे में सचिन ने राजस्थान रॉयल के साथ होने वाले मुंबई इंडियन के मुकाबले से भी खुद को दूर रखा।

आईपीएल मुकाबले के लिए टीमों की बिकवाली के दौरान मुंबई इंडियन टीम के लिए कुछ खास था तो वो था टीम में मास्टर ब्लास्टर का होना। यही नहीं इस टीम में देश और विदेश के कई और आला खिलाड़ी भी शामिल थे। क्रिकेट जगत में उन खिलाड़ियों के आंकड़े बड़े-बड़े समीक्षकों को सोचने पर मजबूर कर रहे थे। अपने खेल के दम पर वो दुनिया भर में अपने चाहने वालों की लंबी जमात तैयार कर चुके हैं। ऐसे चेहरे जिनकी मैदान पर मौजूदगी भर से विपक्षी टीम सहमी रहती है। विज्ञापन जगत में इन पर बरस रहा पैसा किसी के भी कद को बौना करने के लिए काफी था।

अब भला सितारों से सजी इस मुंबई इंडियन टीम पर पैसा लगाने में दुनिया का मशहूर उद्योगपति चूक कैसे कर जाता। बोली के दौरान सचिन को अपनी टीम में देखने की हसरत बॉलीवुड के बादशाह खान को जज्ब करनी पड़ी। सचिन समेत सितारों से सजी मुंबई इंडियन आखिरकार मुकेश अंबानी की टीम बनी।

लेकिन करोड़ों की बोली में बिके मास्टर बलास्टर अब तक महज मैदान के बाहर बैठकर तालियां पीटते ही नज़र आते हैं।

सचिन को बेहद संजीदा खिलाड़ी माना जाता रहा है, उनके खेल में जुनून और दिमाग का बढ़िया तालमेल अब तक देखा गया है। बढ़ती उम्र में जुनून में आई कमी की भरपाई अब तक उनका दिमाग ही करता रहा है। इसलिए अब तो कयास ये भी लगाए जाने लगे हैं कि सचिन के न खेलने की वजह शारीरिक अस्वस्थता के बजाए कुछ और तो नहीं ?

२०-२० का ये क्रिकेट बहुत ही अनिश्चितता भरा है , फिर कहीं विज्ञापन कंपनियों को सचिन की असफलता का डर तो नहीं सता रहा ? और ऐसे में सचिन के नहीं खेलने के पीछे कहीं उनके विज्ञापन गुरुओं का दबाव तो काम नहीं कर रहा ?

वजह कुछ भी हो लेकिन सचिन के बगैर भी लगातार जीत के साथ मुंबई इंडियन टूर्नामेंट में वापसी करती दिखाई दे रही है। आखिर क्या होगा तब, जब दर्शकों को भी सचिन के बगैर जीत देखने की आदत पड़ जाएगी।

Thursday 1 May, 2008

नौसिखिया हैं सौरव...

हरभजन के गुस्से की आग अभी ठीक से बुझी भी नहीं थी कि वार्न ने आज फिर से आईपीएल के पलीते को चिंगारी दिखा दी। राजस्थान रॉयल्स के कप्तान शेन वार्न के निशाने पर हैं कोलकाता नाइट राइडर्स के कप्तान बंगाल टाइगर यानी सौरव गांगुली। एक खबरिया चैनल की खबर पर गौर फरमाएं तो गांगुली को निशाना बनाने की वार्न की मुहिम में एक खिलाड़ी कोलकाता टीम का भी साथ देता दिखाई पड़ता है।

शेन वार्न ने गांगुली पर आरोप लगाया है कि उनमें खेल भावना नहीं है। दरअसल गांगुली ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ी की कैच अपील के बाद मैदान में मौजूद अंपायर को तीसरे अंपायर की मदद लेने के लिए दबाव डाला था। सौरव को लग रहा था कि गेंद हाथ में आने से पहले ही जमीन में टिप्पा खा चुकी थी। तीसरे अंपायर ने सौरव की शंका को सच में बदल दिया, नतीजतन बल्लेबाज आउट होने से बच गया। अब सौरव की इस जिद में शेन वार्न को अगर खेल भावना की कमी नज़र आ रही है तो ये कहां तक जायज है यह बाद दीगर है।

वैसे भी आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को सौरव कभी भी जेन्टेलमैन नज़र नहीं आए। ताज्जुब तो इस बात का है कि कोलकाता नाइट राइडर्स के एक खिलाड़ी ने भी सौरव को क्रिकेट के इस नवीन संस्करण का नौसिखिया बता डाला।

जी हां कोलकाता टीम में शामिल पाकिस्तानी तेज गेंदबाज उमर गुल वैसे तो क्रिकेट के खेल में सौरव के सामने बच्चे जैसे ही हैं, लेकिन उमर गुल का कहना है गांगुली को २०-२० क्रिकेट का अनुभव नहीं है। यही नहीं कभी दमदार कप्तानी और टीम पर अपने अनुशासन के लिए जाने जाने वाले कप्तान सौरव गांगुली पर गुल एक और आरोप मढते हैं। गुल का कहना है कि कोलकाता टीम में तालमेल की कमी है। आखिर गुल साहब को शुरुआती लगातार दो जीत में तालमेल की कमी क्यों नज़र नहीं आई। कहीं गुल आईपीएल में शोयब की वापसी से घबराए तो नहीं। खैर वजह जो भी हो।...

दादा २०-२० में आज पहली बार रंगत में दिखे। उन्होंने अर्धशतक भी जमाया लेकिन वो अपनी टीम को जीत दिलाने के बजाए बस हार का अंतर ही कम कर सके। पांच मैचों में दो जीत के साथ गांगुली की टीम टूर्नामेंट में कुछ पायदान नीचे जरूर खिसकी है लेकिन उसके लिए संभावनाएं खत्म हो गईं ऐसा कतई नहीं कहा जा सकता है, वो भी तब जब मुंबई इंडियन्स, डेकन चार्जेज और बैंगलोर रॉयल चैलेंजर महज एक जीत के साथ अभी भी फाइनल खेलने की उम्मीद रखती हैं।